10 चुनिंदा शेरों में राहत इंदौरी की यादें:एक शायर जो हाथ ऊंचा करके कहता था- जिस दिन रुख़सती की खबर मिले, मेरी जेबें टटोल लेना
10 चुनिंदा शेरों में राहत इंदौरी की यादें:
एक शायर जो हाथ ऊंचा करके कहता था- जिस दिन रुख़सती की खबर मिले, मेरी जेबें टटोल लेना
जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए दूर हम कितने दिन से हैं, ये कभी गौर किया फिर न कहना जो अमानत में खयानत हो जाए||
अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं||
आँखों में पानी रखों, होंठो पे चिंगारी रखो जिंदा रहना है तो तरकीबे बहुत सारी रखो राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो||
घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है
हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते
मैं ने अपनी ख़ुश्क आँखों से लहू छलका दिया इक समुंदर कह रहा था मुझ को पानी चाहिए
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